Myths about Cibil Score: आपको भी हैं ये 5 गलतफहमियां तो दूर कर लीजिए, वरना अपना ही नुकसान कराएंगे
Written By: ज़ीबिज़ वेब टीम
Fri, Oct 04, 2024 11:35 AM IST
Myths about Credit Score: लोन के मामले में सिबिल कितना इंपोर्टेंट है, ये हम सभी जानते हैं. 300 से 900 के बीच निर्धारित होने वाला सिबिल स्कोर आपका वो रिपोर्ट कार्ड है जिसके जरिए बैंक ग्राहक की विश्वसनीयता को परखते हैं. लेकिन सिबिल स्कोर के मामले में तमाम Myths भी हैं जो लोगों के बीच फैले हुए हैं. इन्हें दूर करना बहुत जरूरी है, वरना आप इन्हीं बातों को सच मानकर उलझे रहेंगे और फालतू में अपना ही नुकसान करा बैठेंगे.
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First Myth
तमाम लोगों का मानना है कि अगर क्रेडिट स्कोर कम है तो उन्हें बैंक से लोन नहीं मिलेगा. लेकिन ये बात पूरी तरह से सच नहीं है. क्रेडिट स्कोर कम होने से आपकी विश्वसनीयता पर फर्क जरूर पड़ता है. लेकिन लोन देते समय बैंक सिबिल स्कोर के साथ-साथ आपकी इनकम जैसी अन्य बातों पर भी विचार करती हैं. यदि आपके पास कम क्रेडिट रेटिंग है, तो आप अभी भी अपने वेतन, सालाना बोनस या अन्य अतिरिक्त इनकम स्रोतों में बढ़ोतरी के प्रमाण के साथ बैंक स्टेटमेंट दे सकते हैं और ये साबित कर सकते हैं कि आप लोन चुकाने के लिए सक्षम हैं. अगर ऐसा कुछ नहीं है, तो भी तमाम बैंक और लोन देने वाली संस्थाएं हैं जो Low Cibil Score के साथ भी लोन दे देते हैं. लेकिन ऐसे में वो ज्यादा ब्याज दर वसूल करते हैं. इसके अलावा अगर आपका स्कोर कम है और आपको सही ब्याज दर पर लोन नहीं मिल पा रहा है तो आप ज्वाइंट लोन का विकल्प भी चुन सकते हैं.
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Second Myth
तमाम लोग कहते हैं कि अच्छे क्रेडिट स्कोर को मेंटेन करने के लिए क्रेडिट कार्ड का कम इस्तेमाल करना चाहिए. लेकिन ये बात भी गलत तरह से सामने आई है. दरअसल क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो को मेंटेन रखने के लिए क्रेडिट कार्ड की लिमिट का 30 फीसदी तक खर्च करने की सलाह दी जाती है, ताकि बैंक को ये मैसेज न जाए कि आपकी क्रेडिट कार्ड पर बहुत ज्यादा निर्भरता है. लेकिन अगर आप कभी जरूरत के समय 30 फीसदी से ज्यादा खर्च कर देते हैं और समय से इसे चुका देते हैं तो इससे आपके क्रेडिट स्कोर पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
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Third Myth
लोगों के बीच एक ये धारणा है कि अगर आप बार-बार क्रेडिट स्कोर (Credit Score) चेक करते हैं तो कम हो जाता है. लेकिन वास्तव में ऐसा कुछ नहीं है. इससे आपके क्रेडिट रिपोर्ट पर कोई असर नहीं होता. अगर आप समय-समय पर अपना क्रेडिट स्कोर चेक करते हैं तो इसका ये फायदा है कि आप अपने स्कोर को लेकर जागरुक रहते हैं और स्कोर गिरने पर तुरंत उसमें सुधार के लिए कदम उठा सकते हैं.
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Fourth Myth
ये भी कहा जाता है कि चेक बाउंस होने से भी क्रेडिट स्कोर गिरता है. लेकिन सच ये है कि चेक बाउंस होने का सीधा असर सिबिल स्कोर पर नहीं पड़ता है. सिबिल स्कोर काफी हद तक आपके लोन को समय पर चुकाने की क्षमता पर निर्भर करता है. अगर आपका चेक बाउंस हो जाए, लेकिन आप तय समय पर अपनी लोन की किस्तें चुका रहे हैं, तो आपका सिबिल स्कोर कम नहीं होगा.
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